महिला उत्पीड़न की शिकायत कहाँ करें : आज भी भारत में महिला उत्पीडन की समस्या कम नही हुई है, आज चाहे गांब की बात करे, शहर की बात करे, घर में बात करे या ऑफिस की बात करे
आज भी ऐसी बहुत सी महिलाएं है जो उत्पीडन का शिकार हो रही है और आज भी भारत में बहुत सी ऐसी महिलाएं है जिन्होंने इसका शिकार होने के बाद भी आवाज़ नही उठाई है, ख़ामोशी से इस अत्याचार को झेल रही है
बहुत सी महिलाओं और लड़कियों को पता ही नही है की जो व्यवहार उनके साथ हो रहा है वह गलत व्यवहार है वह सब नासमझी और ज्ञान की कमी के कारन भी उत्पीडन को झेलती है
आज जब हमारा देश विकास कर रहा है और आज जब महिलाएं सच में पुरुषों का मुकाबला कर सकती है और उनको हर चीज़ में टक्कर दे सकती है तो इस समय भी अगर महिला उत्पीडन की समस्याएं कम न हो तो यह बहुत ही शर्म की बात है
महिलाओं को समझना होगा की किसी और के सहायता के लिए आगे आने से पहले उन्हें खुद की सहायता के लिए कदम उठाना होगा
महिला उत्पीडन क्या है इसकी शिकायत कैसे करे और कैसे इसका सामना करे यह सब हम आजके इस आर्टिकल में जानेंगे

महिला उत्पीड़न की शिकायत कहाँ करें (Women Harassments complaint)
सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है की महिला उत्पीडन से तात्पर्य क्या है और कैसे इसे पहचाना जा सकता है और इसके प्रकार क्या है उसके बाद ही हम इसके खिलाफ कैसे लडे और इसकी शिकायत कहाँ करे आदि चीज़ों को सही से समझ पाएंगे
महिला उत्पीड़न की परिभाषा
जब भी हम उत्पीडन शब्द सुनते है तो ऐसा समझ में आता है की हम सिर्फ और सिर्फ सेक्सुअल उत्पीडन की बात कर रहे है और हमारे भारत में लोग उत्पीडन को बस यौन उत्पीडन से ही समझते है
पर यह सिर्फ इसका एक प्रकार है, उत्पीडन हर उस चीज़ को कहेंगे जिससे महिलाओं को अपमानित किया जाए, उनको शारीरिक या मानसिक हानि हो और उन क्रियाओं को कहेंगे जिनके कारन महिलाओं को अपना जीवन जीने में असहजता हो
यह कई रूपों में होता है, काम पर सबसे अलग व्यावहार भी उत्पीडन में ही आएगा, सेक्सुअल हमले भी उत्पीडन है, मानसिक हानि या शारीरिक नुक्सान भी उत्पीडन का ही प्रकार है
अनचाहा व्यवहार और बुरा व्यवहार जिससे औरतों को समाज में या अकेले में असहज, डरा हुआ, अपमानित महसूस हो उस व्यवहार को महिला उत्पीडन ही कहेंगे, महिला उत्पीड़न की शिकायत कहाँ करें जानने से पहले उत्पीडन के प्रकार जानना आवश्यक है
महिला उत्पीड़न के प्रकार
यह बहुत से प्रकार के है, इनके कुछ मुख्य प्रकार के बारे में हमने चर्चा की है
- यौन उत्पीड़न
यह उत्पीडन का सबसे घिनौना रूप है इसे ही अंग्रेजी में सेक्सुअल हरास्स्मेंट के नाम से जानते है, इसमें अवांछित यौन प्रस्ताव, गलत तरीके से छूना आदि शामिल है
यह उत्पीडन कही भी हो सकता यह घर पे, सामाजिक स्थानों पर, स्कूल और कार्यालयों पर भी हो सकता है
- मौखिक उत्पीड़न
कडवे शब्द, गलत व्यवहार, अपमानजनक और अश्लील भाषा का प्रयोग, धमकी आदि शामिल है, हम जानते है की सिर्फ शारीरिक चोट ही दर्द नही देती कभी कभी लोगों के शब्द भी बहुत दर्द दे जाते है
जो अपनी भाषा से एक महिला के जीवन को कठिन बनाए उसे असहज कर दे उसे हम मौखिक उत्पीडन कहते है
- भावनात्मक उत्पीड़न
यह भी उत्पीडन का एक बहुत ही प्रचलित प्रकार है, किसी भी भावनात्मक रूप से चोट पहुंचाना गलत है और यदि हम महिलाओं की बात करे तो यह भावनात्मक उत्पीडन के अंतर्गत है
इसमें किसी को नीचा दिखाना उसे मानसिक रूप से कमज़ोर करना, ऐसा व्यवहार करना जिससे उसे भावनात्मक नुक्सान हो यह सब भावनात्मक उत्पीडन के अंदर आता है
- शारीरिक उत्पीड़न
किसी भी महिला को शारीरिक रूप से हानि पहुचाना, मारना या कुछ ऐसा करना जिससे उसे शारीरिक रूप से चोट पहुचे यह सब शारीरिक उत्पीडन में आता है
किसी भी महिला के ऊपर हाथ उठाना भी गलत है इसलिए यदि आप किसी भी कारन वश किसी महिला के ऊपर हाथ उठाते है तो आप उस महिला को शारीरिक रूप से पीड़ित कर रहे है जोकि बहुत गलत बात है
- साइबर उत्पीड़न
इसमें ऑनलाइन माध्यम से महिलाओं को ब्लैकमेल करना उन्हें सताना, उनसे किसी चीज़ की मांग करना और उन्हें मानसिक रूप से पीड़ित करना शामिल है
- आर्थिक उत्पीड़न
अपनी आर्थिक शक्ति का इस्तेमाल करके किसी महिला को पीड़ित करना आर्थिक उत्पीडन में आता है
महिला उत्पीड़न की शिकायत कैसे करें
ऐसे बहुत से हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन साईट है जहाँ पर जाके रिपोर्ट की जा सकती है, सबसे मुख्य Women Helpline नंबर है इस नंबर के ज़रिये पूरे भारत की महिलाएं किसी भी समय सहायता के लिए कॉल कर सकती है
वूमेन हेल्पलाइन नंबर – 1091/1090 यह सबसे सही और आसान तरीका है
इससे आप ज़ल्द से ज़ल्द सहायता प्राप्त कर पाएंगे, इसके इलावा यह नंबर आप किसी परेशानी के समय भी इस्तेमाल कर सकते है
इस हेल्पलाइन सुविधा को औरतों के जीवन को सुरक्षित और आसन बनाने के लिए किया गया था, किसी भी प्रकार के औरतों के अत्याचार से औरतों को सुरक्षित रखने के लिए इस सेवा को शुरू किया गया था
यह सेवा पूरे भारत में चलती है, और किसी भी समय पर इस पर कॉल करके सहायता के लिए आवेदन किया जा सकता है
अन्य तरीके
- थाना/ पुलिस स्टेशन
- महिला हेल्पलाइन नंबर
- National Commission for Women पर कंप्लेंट
- राष्ट्रीय महिला आयोग
- महिला थाना
पुलिस स्टेशन में शिकायत
- उत्पीडन का शिकार हुई महिला को अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाना है
- महिला के पास उसका पहचान पत्र, फ़ोन नंबर और पता की जानकारी होनी चाहिए
- आपको एक स्पष्ट रूप से अपने साथ हुए व्यवहार के बारे में बताने के लिए तैयार रहना है
- आपको पुलिस स्टेशन जाके स्टेशन के इन-चार्ज से मिलना है
- वह आपको एक फॉर्म भरने को कहेंगे आपको उस फॉर्म में अपना नाम पता, शिकायत का विवरण और अपने साथ हुए उत्पीडन से जुड़े सबूतों और दोषी के बारे में जानकारी देनी है
- उसके बाद पुलिस आपसे मौखिक रूप से भी आपके साथ हुए उत्पीडन के बारे में पूछेगी, आपको घबराने की आवशयकता नही है बस जो सच है उसे विस्तार में बताना है
- पूरी पूछ ताछ होने के बाद आपकी रिपोर्ट फाइल हो जाएगी और ज़रुरत पड़ने पर आगे की कार्यवाही के लिए आपको बुलाया जाएगा
इस तरह से पुलिस स्टेशन में महिला उत्पीडन के खिलाफ रिपोर्ट किया जाता है
यदि पुलिस आपकी रिपोर्ट नही लिख रही तो उनके ऊपर वाले अधिकारी से संपर्क करिये, और इस तरीके से आपकी सहायता नही हो पा रही है तो और भी बहुत तरीके है
महिला थाना में महिला उत्पीड़न की शिकायत करें
महिला थाना वह थाना है जिसे महिलाओं की शिकायत सुनाने और उसको सुलझाने के लिए बनाया गया है, इसमें सभी स्टाफ महिलाएं रहती है
यदि कोई भी महिला उत्पीडन का शिकार होती है तो वह आराम से अपने नज़दीक महिला थाना में शिकायत कर सकती है, महिला थाना को इसीलिए ही बनाया गया है ताकि महिलाऐं अपनी समस्याएं बिना किसी समस्या के पुलिस को बता सके
आप Google map के मदत से नज़दीकी महिला थाना लोकेशन पता कर सकते है
पीड़ित महिलाएं इस प्रकार महिला थाना में रिपोर्ट दर्ज करवा सकती है
- सबसे पहले अपने आस पास के सबसे नज़दीकी महिला थाना पर जाना है
- आप गूगल मैप्स की सहायता से भी पता कर सकते है की आपके आस पास महिला थाना कहा पर है, पीड़ित महिलाओं को आम थाना जाने की जगह महिला थाना ही जाना चाहिए
- क्योंकि वहां के ऑफिसर को इसी चीज़ के लिए ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वह ख़ास रूप से महिलाओं की समस्यां समझ कर उस पर कार्यवाही कर सके
- वहां पर जाके आपको उस थाना के इनचार्ज या जो भी ऑफिसर वहां पर रिपोर्ट लिख रही है उससे अपने साथ हुए अत्याचार को बताना है, आपको अपना पूरा अनुभव बताना है
- आपको जितना याद है आपको वह सब चीज़ें बतानी है छोटी से छोटी चीज़ों का भी ध्यान रखना है, जगह, दिन, समय, व्यक्ति आदि
- दोषी का नाम और उसके बारे में भी जितनी जानकारी आपके पास है सब देना है और किसी भी छोटे अनुभव को भी छिपाना नही है, पुलिस के लिए सब जानना अनिवार्य है तभी वह आपकी सम्पूर्ण सहायता कर पाएंगे
- इसके बाद आपको कंप्लेंट फाइल करना है जिसके लिए आपका आईडी प्रूफ और और आपकी कुछ जानकारी लगेगी और साथ में आपको एक फॉर्म भरना पड़ेगा
- इस फॉर्म में आपका पता और आपके साथ हुए उत्पीडन की जानकारी भी भरनी पड़ सकती है, यदि महिला को फॉर्म भरने या समझने में दिक्कत होती है तो वह वहां के किसी भी व्यक्ति से सहायता ले सकती है, वैसे तो महिला थाना में वह आपको हर चीज़ के बारे में सभी ज़रूरी सहायता और जानकारी दे देंगी
- शिकायत दर्ज होने के बाद इन्वेस्टीगेशन शुरू होता है जिसमे जब भी आपकी सहायता की ज़रुरत पड़ेगी आपको बता दिया जाएगा और साथ में आपको समय समय पर यह भी बताया जाएगा की आपका केस कहाँ तक पंहुचा
- इस तरह से महिला थाना में शिकायत दर्ज की जाती है
महिला आयोग में शिकायत कैसे करे
महिला आयोग एक सरकारी संगठन है जो महिला समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता पैदा करता है और महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, और अधिकारों की संरक्षा के लिए अधिकारिक विचाराधीनता प्रदान करता है।
यह महिलाओं की समस्याओं को समाधान करने, महिला उत्पीडन, हिंसा, शोषण और अन्य जातिगत अत्याचार के खिलाफ लड़ाई में संचार को बढ़ावा देता है।
महिला आयोग न्यायिक और कानूनी सुविधाओं के साथ महिलाओं की मदद करता है और उनकी समस्याओं को हल करने में सहायता प्रदान करता है
इसीलिए यदि आप किसी उत्पीड़न के शिकार हो तब आप को महिला आयोग में जरूर शिकायत करना चाहिए
हम ने निचे महिला आयोग में शिकायत कैसे करे संबधित जानकारी शेयर की है आप इस जानकारी का इस्तिमाल उत्पीड़न की शिकायत के लिए कर सकते है
महिला आयोग में Online शिकायत कैसे करें
1) नेशनल कमीशन ऑफ़ वीमेन की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाए
2) NCW Applications के विकल्प को ढूंढ आकर उस पर क्लिक करे
3) Complaints के विकल्प पर क्लिक करे
4) आपको ऊपर Complete Registration का विकल्प मिलेगा आपको उसपे जाके अपने शिकायत को रजिस्टर करना है
5) आपके सामने एक नई विंडो खुलेगी वही निचे आपको कुछ विकल्प दिखाई देंगे जैसे की “शिकायत पंजीकरण के लिए यहाँ क्लिक करे” इस तरह से तो आप इस लिंक पर Click करना है
6) अब इस लिंक पर क्लिक करने के बाद आप के सामने शिकायत फॉर्म Open होगा अब इस फॉर्म को ध्यान से पढ़िए और स्टेप बाई स्टेप भरे
7) इस फॉर्म को सही तरह से भरने के बाद इसे सबमिट कर दीजिये | यह फॉर्म सबमिट होने के बाद आप के कंप्लेंट पर काम शुरू हो जायेगा, आप अपने कंप्लेंट की स्टेटस भी ऑनलाइन चेक कर सकते है
8) अपनी शिकायत की स्टेटस चेक करने के लिए आप Complaints Status बटन पर क्लिक कर के अपने शिकायत की स्टेटस चेक कर सकते है
महिला आयोग में उत्पीडन के खिलाफ Offline शिकायत कैसे करे
- सबसे पहले अपनी शिकायत तैयार कर ले
लिखित रूप से अपनी शिकायत तैयार करे, इस शिकायत में आपको दिनांक, समय, और सभी ज़रूरी जानकारी लिखना है
- अपनी शिकायत जमा करे
आप महिला आयोग में अपनी शिकायत डाक द्वारा या खुद जाके भी जमा कर सकते है, आपको बस अपनी शिकायत के साथ अपना नाम पता आदि लिखा होना चाहिए
- कार्यवाही
आपकी शिकायत मिलने के बाद उसपे कार्यवाही शुरू हो जाएगी, आपकी दी गई जानकारी और आपकी शिकायत की जांच होगी और सही शिकायत होने पर उस पर कार्यवाही शुरू की जाती है
महिला आयोग हेल्पलाइन नंबर
यदि कोई महिला उत्पीड़न की शिकार है और उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है की ऑनलाइन या ऑफलाइन महिला आयोग में शिकायत कैसे करे
तब ऐसे में वे महिला डायरेक्ट महिला शिकायत केंद्र में Contact कर के अपनी बात महिला संघटना के सामने रख सकती है
निचे हम ने National commission for women Helpline number शेयर की है इसका उपयोग आप कालिंग के द्वारा शिकायत करने या अन्य जानकारी के लिए कर सकते है
- 91-11-26944880
- 91-11-26944883
- [email protected]
- 24×7 Helpline : 7827-170-170
- महिला हेल्पलाइन नंबर लिस्ट
न्यायालय में शिकायत करें
नयायालय में शिकायत करने की यह प्रक्रिया है
- वकील से संपर्क करे
महिला उत्पीडन की शिकायत करने के लिए आपको एक वकील से संपर्क करना है, जितना अच्छा वकील होगा उतना ही आपका मुकदमा ज़ल्दी ख़त्म होगा, इसलिए अच्छे से अच्छे वकील से संपर्क करे
- अपने मुक़दमे के लिए सबूत इकठ्ठा करे
सबूत से ही न्यायलय मे केस लड़ा जाता है इसलिए जितने मजबूत आप सबूत इकट्ठे करेंगे उतना ही आपका केस मजबूत होगा
- न्यायालय में शिकायत दर्ज करे
आपको अपने वकील की सहायता से न्यायालय में अपनी शिकायत दर्ज करनी है जिसके बाद ही आपका केस न्यायालय में रिकॉर्ड होगा
- अदालती सुनवाई
अदालत में आपके केस की सुनवाई होगी और आपके सबूतों के हिसाब से निर्धारित होगा की आपके केस को कितना समय लगता है
अगर किसी केस में पुख्ता सबूत न रहे तो उसकी कार्यवाही कई सालों तक चलती रहती है
शिकायत दर्ज करने की बुनियादी प्रक्रिया
महिला उत्पीडन की शिकायत के लिए कुछ चीज़ें समान है जैसे की महिला का शिकायत के दौरान उपस्थित रहना ज़रूरी सबूत
- महिला का बयान
- हादसे के दिन की सभी जानकारी जितनी भी महिला को पता हो
- शिकायत की आवश्यक जानकारी
- शिकायत की दस्तावेज़ीकरण जिसमे महिला से जुड़े ज़रूरी दस्तावेज, पता आदि शामिल होगा
महिला सुरक्षा एवं कानूनी उपाय
भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानूनों को महिला सुरक्षा क़ानून कहा जाता है, इन कानूनों को महिला के ऊपर हो रहे अलग अलग प्रकार के उत्पीडन से बचाने के लिए तथा अलग अलग प्रकार की हिंसा से महिलाओं की रक्षा के लिए है
- महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005
यह घरेलु हिंसा से महिलाओं की रक्षा के लिए बनाया गया है, यदि किसी महिला के घर वाले उसे किसी भी प्रकार का कष्ट देते है तो उन्हें इस अधिनियम के अनुसार सजा दी जाती है
महिलाओं के साथ उनके व्यावाहिक जीवन और अपने खुद के घर में अत्याचार होता है, जिसमे महिलाओं का शारीरिक और मानसिक उत्पीडन शामिल है, इस अधिनियम को 2005 में लागू किया गया था
- कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013
इस अधिनियम को कार्यस्थल पर कार्य करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया है इस अधिनियम के अनुसार यदि किसी महिला के साथ उसके कार्य स्थल पर उत्पीडन होता है तो उसे इस अधिनियम के मुताबिक सजा दी जाती है
इस अधिनियम को 2013 में लागू किया गया था और इस अधिनियम के बाद महिलाओं भी पूरी स्वतंत्रता और सुरक्षा के साथ कार्य स्थल पर कार्य कर सकती है
- आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013
इस अधिनयम को महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार जैसे बलात्कार शारीरिक ज़बरदस्ती आदि के खिलाफ दोषी को दण्डित करने और महिलाओं को उनका हक़ दिलाने के लिए लागू किया गया था
यह अधिनियम 2013 में लागू किया गया था, इस अधिनियम के हिसाब से बलात्कार करने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाती है
- दहेज निषेध अधिनियम 1961
यह क़ानून दहेज़ लेने और देने वालों को दण्डित करने के लिए बनाया गया है इस अधिनियम के तहत दहेज़ देने और लेने वाला दोनों दोषी है और उनको इस कृत के लिए दण्डित भी किया जाता है
इस अधिनियम में लड़की के परिवार वालों की तरफ से लड़के के परिवार वालों को कोई भी महंगी चीज़ या रकम देना मना है यदि वह ऐसा करते है तो दोनों परिवारों को सज़ा मिलती है
- बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006
इस अधिनयम को इसलिए बनाया गया था ताकि कम उम्र वाली लड़कियां जिनका विवाह उनके माता पिता उनकी अनुमति के बिना और उनके बालिक हुए बिना कर देते है उसको रोका जा सके
इस अधिनियम के अनुसार 21 वर्ष से छोटी लड़की का विवाह करना दंडनीय है और ऐसा करने पर लड़की और लड़के के परिवार को सजा भी हो सकती है
यह सब वह मुख्य क़ानून है जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए और उनके जीवन को और अच्छा बनाने के लिए, उनके ऊपर हो रहे अत्याचार से उन्हें न्याय दिलाने के लिए और भारत में महिलाओं के जीवन को और अच्छा बनाने के लिए बनाया गया है
महिला उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी उपाय
आप पुलिस थाना में रिपोर्ट लिखवा सकते है, महिला थाना और महिला आयोग में भी संपर्क कर सकते है, वीमेन हेल्पलाइन नंबर भी तुर्रंत सहायता प्राप्त करने का तरीका है
ऑनलाइन भी महिला उत्पीडन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाती है, हमने विस्तार में बताया है की इन सब तरीकों से शिकायत कैसे दर्ज करे
क़ानून अपनी तरफ से बहुत से अधिनियम भी लागू किये है आप उन अधिनियम के अनतर्गत भी रिपोर्ट लिखवा सकते है
उत्पीड़न पीड़िता के लिए सुरक्षा उपाय
- सबसे ज़रूरी है की पीड़ित को हर तरह से उत्पीड़क से दूर रखा जाए और जितना हो सके उन पीड़ित को उत्पीड़क का कम सामना करना पड़े
- पीडिता के सभी करीबी लोगो का पीडिता के पास रहना और हर तरह से उसे सहज वातावरण प्रदान करना
- पीडिता की सुरक्षा बहुत ज़रूरी है इसलिए पीडिता के घर के आस पास कैमरा आदि की सुरक्षा प्रदान करना अनिवार्य है जैसे मुमकिन हो पीडिता की सुरक्षा करनी चाहिए
- पीडिता को अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी को छोड़ के कही घूमने जाना चाहिए या तो अपनी दिनचर्या में बदलाव लाना चाहिए
- मनोवैज्ञानिक और चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए और पीडिता के मानसिक और शारीरिक स्वभाव को सही रखने के लिए मनोवैज्ञानिक और चिकित्सक को समय समय पर दिखाना चाहिए
- पीडिता को अपनी सुरक्षा का भी ध्यान देना चाहिए और इस बात पर यकीन रखना चाहिए की उनको न्याय मिलेगा और कोई ऐसी क्रिया नही करनी चाहिए जिससे पीडिता के जीवन पर संकट आए
FAQs : महिला उत्पीड़न की शिकायत कहाँ करें
सवाल : क्या शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई फीस लगती है?
नहीं, शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई फीस नहीं लगती है
सवाल : शिकायत करने से पहले क्या करें?
शिकायत करने से पहले पीडिता के बयान को पूरी जानकारी के साथ, पता, जगह, नाम आदि के साथ विस्तार में लिख लेना चाहिए
सवाल : महिला थाने कहाँ होते हैं?
यह शहर के मुख्य थानों के पास होते है, आप गूगल मैप्स पर डाल सकते है Nearest Women Police Station या महिला थाना कहाँ है आपको आपके नजदीकी महिला थाना की जानकारी मिल जाएगी
सवाल : महिला उत्पीड़न की शिकायत किसको करें?
महिल उत्पीडन की शिकायत मुख्य रूप से महिला थाना में की जाती है
सवाल : शिकायत दर्ज कराने के बाद क्या होता है?
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस आपकी शिकायत पर कार्यवाही करती है और दोषी को उसके कर्मो की नियत सजा दी जाती है
सवाल : महिला उत्पीडन को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
जागरूक और महिलाओं को आत्म निर्भर और सजक बनाना चाहिए, और साथ में इस समाज में महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए पुरुषो को भी यह बताना ज़रूरी है की महिलाओं के खिलाफ कोई अत्याचार बर्दाश नही किया जाएगा
Conclusion
महिला उत्पीड़न की शिकायत एक गंभीर मुद्दा है जिसे ठीक से समझा जाना चाहिए। यदि किसी महिला को उत्पीड़ित किया गया है, तो वह उसकी शिकायत को महिला आयोग या नजदीकी पुलिस स्टेशन में दर्ज कर सकती है।
यहां उसकी पहचान प्रमाणित की जाएगी और शिकायत को सही तरीके से दर्ज किया जाएगा। महिला आयोग और पुलिस स्टेशन आपको इस प्रक्रिया में मदद करेंगे और आपकी प्राइवेसी की सुरक्षा की गारंटी देंगे।
महिला उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया कानूनी है और समाज में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
आज के लेख में हम ने महिला उत्पीड़न की शिकायत कहाँ करें, महिला आयोग क्या है और महिला आयोग में कंप्लेंट कैसे जैसे महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार में जाना और उम्मीद करते है यह जानकारी आप को वर्तमान तथा भविष्य में उपयोगी साबित होगी
यदि अभी भी आप के मन में इस विषय को लेकर कोई सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट में हमे बता सकते है हम आप के हर सवाल का जरूर जवाब देंगे, इस लेख को शुरवात से अंत तक पढ़ने के लिए शुक्रिया