प्रेगनेंसी के कितने दिन बाद पीरियड आता है : हम सभी जानते हैं कि प्रेगनेंसी और पीरियड का एक गहरा संबंध होता है क्योंकि पीरियड के द्वारा जब ओव्यूलेशन की प्रक्रिया होती है तो इसी से गर्भधारण होता है
आमतौर पर ओव्यूलेशन की प्रक्रिया पीरियड से कुछ दिन पहले होती है और अगर इस प्रक्रिया के दौरान संभोग कर लिया जाए तो कोई भी महिला गर्भवती हो सकती है और उसके गर्भ में भ्रूण बनना शुरू हो जाता है
पर एक बार अंडाणु निषेचित होने के बाद हम देखते हैं कि महिलाओं को पीरियड की समस्या होना बंद हो जाती है,
जब तक कि उनकी डिलीवरी ना हो जाए तो ऐसा क्यों होता है और प्रेगनेंसी के कितने दिन बाद पीरियड आता है, इन सभी के बारे में हम आज के इस लेख में चर्चा करने वाले हैं
साथ ही आज के इस लेख का हमारा का मुख्य विषय रहेगा (Pregnancy ke kitne Din Baad Period Aata Hai)
कभी कभार यह मान लिया जाता है कि महिला जैसे ही प्रेग्नेंट होती है तो उसे ओव्यूलेशन एवं पीरियड आना बंद हो जाते हैं और उनके शरीर में इन से जुड़ी कोई भी प्रक्रियाए नहीं संचालित होती है परंतु यह तथ्य पूर्णता सही नहीं है
ऐसा इसलिए क्योंकि प्रेगनेंसी के शुरुआती चरणों में महिलाओं को पीरियड भी होते हैं और कुछ हद तक ओव्यूलेशन की प्रक्रिया भी उनके शरीर में चलती रहती हैं
तो इससे संबंधित कुछ तथ्यों को स्पष्ट रूप से भी हम इस लेख में जानने वाले हैं ताकि इनसे जुड़ी कोई भी गलतफ़हमी आपके मन में ना रहे
प्रेगनेंसी के कितने दिन बाद पीरियड आता है (Pregnancy ke kitne Din Baad Period Aata Hai)
बहुत सारी महिलाओं के मन में यह गलत धारणा बन चुकी होती है कि यदि कोई महिला गर्भवती हो जाती है तो उसे फिर पीरियड्स नहीं होते हैं
पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गर्भवती होने के बाद कुछ समय तक भी पीरियड्स और ओवुलेशन की प्रक्रिया शरीर में चलती रहती है
इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह महिलाओं के गर्भाशय भित्ति का पूर्ण का विकास ना हो पाना एवं साथ ही उनके गर्भ में जो जाईगोट बन रहा है, वह पूर्ण रुप से अभी तक एक भ्रूण का रूप नहीं ले पाया है
Zygote महिलाओं के गर्भाशय में भ्रूण बनने से पहले की प्रक्रिया होती है और इसके 4 से 5 हफ्तों बाद ही महिलाओं के गर्भाशय में बहुत सारी कोशिकाएं मिलकर एक भ्रूण का निर्माण करती है
यह तो बात हुई प्रेगनेंसी से पहले की पर बहुत सी महिलाओं के मन में यह शंका भी बनी रहती है, कि एक बार बच्चे को जन्म देने के बाद उन्हें वापस से नियमित पीरियड कितने दिनों बाद होंगे और इसके कितने दिनों बाद वापस से ओव्यूलेशन की प्रक्रिया शरीर में शुरू होगी
अगर मोटे तौर पर देखा जाए तो 7 से लगाकर 8 हफ्तों बाद किसी भी महिला को वापस से प्रेगनेंसी के बाद पीरियड्स होने शुरू हो जाते हैं
और यदि दिनों की बात की जाए तो 50 से लगाकर 55 दिनों के बाद यह प्रक्रिया वापस से एक महिला के शरीर में होना शुरू हो जाती हैं
हालांकि यह कोई निश्चित समय अवधि नहीं होती है परंतु फिर भी यह एक डाक्टर द्वारा समझया गया प्रि स्टीमेट समय होता है और इसके अलावा महिलाओं के शरीर पर भी निर्भर करता है कि वह वापस से कब तक अपने नॉर्मल रूटीन में आती है
क्या प्रेगनेंसी के दौरान पीरियड्स होते हैं ( Pregnancy main Periods Aata Hai )
सामान्य तौर पर किसी महिला के शरीर में प्रेगनेंसी से पहले एवं प्रेगनेंसी के बाद यह पीरियड्स की प्रक्रिया चलती रहती है परंतु एक बार गर्भधारण करने के बाद जब महिला प्रेग्नेंट हो जाती है तो उस समय से उसे पीरियड से आना बंद हो जाते हैं
ऐसा होने की सबसे बड़ी वजह ओवुलेशन का ना हो पाना है क्योंकि जब महिला के शरीर में अंडाणु ही नहीं बनेंगे तो ऐसे में पीरियड्स होने का कोई सवाल ही नहीं उठता
जो अंडाणु पहले ही निषेचित हो चुका है और अब एक भ्रूण के रूप में महिला के गर्भाशय में स्थित हैं
साथ ही ऐसा होने के पीछे दूसरा कारण यह है कि गर्भाशय की प्रति भी उस भ्रूण के कारण बंद हो जाती हैं तो ऐसे में यदि अंडाणु बनते भी तो वही योनि के माध्यम से शरीर से बाहर नहीं निकल पाते और ना ही मासिक धर्म की प्रक्रिया होती
क्योंकि जब भी पीरियड्स होते हैं तो योनि के माध्यम से रक्त के साथ-साथ छोटे-छोटे अंडाणु भी निकलते हैं जो की कॉटन की तरह दिखाई देते हैं
अगर प्रेगनेंसी के दौरान कुछ मात्रा में हल्की ब्लीडिंग हो तो कई महिलाओं द्वारा इसे पीरियड्स का रूप ही मान लिया जाता है परंतु यह योनि से बहने वाला एक द्रव्य पदार्थ होता है जो कि प्रत्येक 1 सप्ताह बाद महिला की योनि से निकलता रहता है
पर ऐसा भी देखने को मिलता है कि कुछ महिलाओं को गर्भधारण करने के बाद शुरुआती सप्ताह में एक बार पीरियड्स भी होते हैं तो ऐसा होने के पीछे भी एक वजह है कि अभी तक महिला के शरीर में भ्रूण पूर्ण विकसित नहीं हुआ है, इस कारण से यह साइकिल चलती रहती हैं
प्रेगनेंसी के बाद पीरियड्स और स्तनपान का संबंध (Pregnancy Ke baad Period’s)
बहुत सारे स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा इस बात को माना गया है कि यदि कोई महिला बहुत ज्यादा लंबे समय तक अपने शिशु को स्तनपान कराती हैं तो उन्हें प्रेगनेंसी के बाद पीरियड्स भी काफी लंबे समय तक नहीं होते हैं
यानी कि ब्रेस्टफीडिंग या स्तनपान का सीधा संबंध प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं के पीरियड से होता है
वहीं कुछ महिलाएं अपने शिशु को 4 से 6 हफ्ते बाद स्तनपान कराना बंद कर देती हैं तो उन्हें 1 महीने के भीतर ही वापस से पीरियड्स साइकिल आना शुरू हो जाते हैं
पर एक और जहां मां की ममता है तो वहीं दूसरी और वैज्ञानिक रूप से होने वाले शारीरिक परिवर्तन
तो ऐसे में जो महिलाएं बहुत ज्यादा लंबे समय तक शिशु को स्तनपान कराती हैं तो उन्हें 1 साल बाद तक भी कई बार पीरियड्स नहीं होते हैं तो ऐसे में यह उनके लिए चिंताजनक हैं क्योंकि वह एक बार फिर से मां बनने के लिए भी तैयार नहीं हो पाती है
हर कुछ महिलाएं हफ्ते में एक से दो बार अपने शिशुओं को ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं तो उन्हें भी 4 से 5 महीनों बाद पीरियड आना वापस शुरू हो जाते हैं, परंतु यह समस्या उन महिलाओं में ज्यादा होती हैं जो रोजाना ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं
तो खास तौर पर इन महिलाओं को रोजाना स्तनपान कराने से बचना चाहिए और कभी कबार अपने बच्चे को सामान्य दूध ही पिलाना चाहिए जिससे कि उनके शरीर में अन्य पोषक तत्व की भी कमी ना हो
प्रेगनेंसी के बाद पीरियड्स होने पर आने वाली समस्याएं
लगभग महिलाओं को एक लंबे अंतराल बाद जब प्रेगनेंसी के बाद पीरियड्स होते हैं तो ऐसे में उन्हें बहुत शारीरिक और मानसिक परेशानियां उठानी पड़ती है
ऐसा इसलिए क्योंकि जब महिलाएं प्रेग्नेंट होती है तो उस समय से लेकर जब तक बच्चे की पूर्णता डिलीवरी ना हो जाए एवं उसके भी कुछ महीनों बाद तक महिलाओं को पीरियड्स नहीं होते हैं
तो ऐसे में लगभग 1 साल बीत जाने पर जब यह साइकिल वापस शुरू होता है तो यह बहुत सारी परेशानियों को भी उत्पन्न करता है जो कि निम्नलिखित हैं :
- सामान्य पीरियड्स में होने वाले दर्द से ज्यादा दर्द का अनुभव होना
- सामान्य पीरियड्स में योनि से निकलने वाले रक्त प्रवाह के मुकाबले प्रेगनेंसी के बाद होने वाले पहले पीरियड में ज्यादा रक्त प्रवाह होता है तो ऐसे में महिलाओं को हाइजीन का विशेष ख्याल रखना चाहिए
- प्रेगनेंसी के बाद पहले पीरियड में योनि के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है और ऐसा होने के पीछे कारण है कि गर्भाशय की दीवार वापस से सिकुड़ती है
- इस पहले पीरियड के दौरान हाथों एवं पैरों के बीच में बहुत ज्यादा सूजन और कमजोरी आ जाती हैं
- बहुत ज्यादा रक्त स्त्राव होने के कारण शारीरिक कमजोरी भी आने लगती हैं
- प्रेगनेंसी के बाद हुए पहले पीरियड से संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है जो कि महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक विषय हैं
- प्रेगनेंसी के बाद हुए पहले पीरियड से लेकर अगले पीरियड के बीच में समय का अंतराल भी बढ़ जाता है जिससे कि अननेचुरल इफेक्ट ऑफ द पीरियड्स कहा जाता है तो कई बार यह भी menstrual साइकिल को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है
- इस पहले पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा पेट दर्द और कई बार उल्टी अभी होने लगती हैं क्योंकि इस अवस्था के दौरान महिला का शरीर वापस से पुरानी अवस्था को प्राप्त कर रहा होता है और हार्मोन भी अन बैलेंस हो रखे होते हैं
प्रेगनेंसी के बाद ओव्यूलेशन की प्रक्रिया (Pregnancy ke bad ovulation)
अब बहुत सी महिलाएं यह तो जान चुकी होंगी की प्रेगनेंसी के बाद पीरियड्स कितने दिनों में होते हैं
परंतु अगर अपनी प्रेगनेंसी के बाद कोई महिला कुछ समय अंतराल के बाद वापस से मां बनना चाहती हैं तो उसके लिए उसके शरीर में ओव्यूलेशन की प्रक्रिया होनी जरूरी है
तो प्रेगनेंसी के लगभग 4 से 5 महीनों बाद यह ओव्यूलेशन की प्रक्रिया भी वापस शुरू हो जाती हैं और कोई भी महिला वापस से मां भी बन सकती हैं
अगर कोई शुक्राणु उसके अंडाणु से निश्चित हो जाए पर यह बिल्कुल गलत है क्योंकि पहले एवं दूसरे बच्चे के बीच कम से कम 3 साल का समय अंतराल होना चाहिए जिससे कि स्त्री शरीर को रिकवरी का पूरा समय मिल पाए
Ovulation किसी भी महिला शरीर के अंदर होने वाली वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से उसकी फेलोपियन ट्यूब के द्वारा अंडाणु स्रावित होते हैं
और पुरुषों द्वारा स्रावित शुक्राणुओं द्वारा एक बार निश्चित होने के बाद यही आगे चलकर जायगोट और जाएगोट से भ्रूण का निर्माण करते हैं
बहुत सारी महिलाओं को प्रेगनेंसी के बहुत समय बाद भी ओवुलेशन की प्रक्रिया नहीं हो पाती हैं तो ऐसा होने के पीछे कई अन्य कारण भी होते हैं जैसे कि हार्मोन का गड़बड़ आ जाना या पीरियड समय पर नहीं आप आना इत्यादि
पर किसी महिला की प्रेगनेंसी समाप्त होने पर एक निश्चित समय सीमा में यदि ओवुलेशन की प्रक्रिया एवं यह पीरियड्स ना हो तो ऐसे में किसी अच्छे से स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए
प्रेगनेंसी के बाद होने वाले पहले पीरियड्स के दौरान रखी जाने वाली सावधानियां
यह जानने के बाद की प्रेगनेंसी के कितने दिन बाद पीरियड आता है अब कुछ सावधानियों की भी चर्चा करनी चाहिए जो कि प्रेगनेंसी के बाद होने वाले पहले पीरियड्स के दौरान रखी जाती हैं :
- इस पहले पीरियड के दौरान हाइजीन का विशेष खयाल रखना चाहिए और अच्छे और साफ-सुथरे कपड़े का प्रयोग ही करना चाहिए
- अपने अंडरवियर्स को बार-बार बदलते रहना चाहिए और योनि के आसपास का पीएच मान संतुलित रखना चाहिए
- बार-बार योनि के आसपास हाथ लगाने से बचना चाहिए क्योंकि यह संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है
- बहुत ज्यादा पेट दर्द या उल्टी होने पर कोई टेबलेट ले लेनी चाहिए
- इस पहले पीरियड के दौरान हल्के भोजन का ही सेवन करना चाहिए क्योंकि गर्भाशय की विधि इस दौरान रिकवरी मोड में होती हैं तो ऐसे में बहुत ज्यादा हैवी भोजन इस पर असर डालता है
- अपने खानपान में हरी सब्जियों एवं फल फ्रूट को वरीयता देनी चाहिए
- किसी अच्छे पैड्स का ही इस्तेमाल करना चाहिए जो कि हाइजीन के साथ साथ ही ओवरफ्लो ऑफ ब्लड को भी कंट्रोल करते हैं
- अनावश्यक मेडिकल टेबलेट से बचना चाहिए क्योंकि यह शरीर के तापमान को बढ़ाने का काम करती है तो ऐसे में ज्यादा रक्तस्राव भी योनि से हो सकता है
- अपने पार्टनर के साथ इस समय को बिताना चाहिए और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज करते हुए आप अपने आप को और भी ज्यादा हंसमुख एवं चुस्त-दुरुस्त रख सकती हैं
- इस पहले पीरियड के दौरान योनि के ऊपरी भाग एवं पेट के निचले भाग में बहुत तेज दर्द होता है तो ऐसे में गर्म पानी की सिकाई करनी चाहिए जिससे कि सूजन के साथ साथ ही यह दर्द भी कम होता है
प्रेग्नेंट होने के बाद पीरियड्स क्यों नहीं आते (Pregnancy ke Bad Periods Nahi Aate Hai?)
ऐसा होने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि प्रेग्नेंट होने के बाद महिलाओं के शरीर में से जो अंडाणु निकलते हैं वह अब नहीं निकल पाते हैं क्योंकि इससे पहले निकलने वाला अंडाणु किसी शुक्राणु से निषेचित होकर उत्तकों मे बदल गया है
इस प्रकार एक उत्तक बन जाने के बाद वह धीरे-धीरे कोशिकाओं का समूह बनाते हुए एक भ्रूण के रूप में गर्भाशय की दीवार में अपना स्थान बनाने लगता है और 9 महीनों की समय अवधि के बाद एक बच्चे के रूप में शरीर से बाहर निकलता है
इस तरह महिलाओं के शरीर में ओवुलेशन की प्रक्रिया ना होने के कारण ही पीरियड्स की प्रक्रिया भी नहीं हो पाती हैं और आंतरिक भित्ति भी अवरुद्ध हो जाती हैं जो की गर्भाशय से जुड़ी होती हैं
ध्यान देने योग्य बात है कि गर्भावस्था के दौरान आपको बार-बार पीरियड्स की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि आपके शरीर में गर्भावस्था के लक्षण होते रहते हैं।
हालांकि, यदि आपको किसी भी प्रकार की संदेह है या आपको स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या है, तो एक प्रशिक्षित चिकित्सक से परामर्श करना सुनिश्चित करे।
FAQs : प्रेगनेंसी के कितने दिन बाद पीरियड आता है
सवाल : डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आता है?
प्रेग्नेंसी के 50 से 60 दिनों बाद वापस से पीरियड होना शुरू हो जाते हैं
सवाल : क्या प्रेगनेंसी के दौरान भी पीरियड की प्रक्रिया होती है?
ऐसा बिल्कुल गलत है क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान ओवुलेशन की प्रक्रिया भी स्टॉप रहती है, इस कारण से पीरियड्स होने का कोई सवाल ही नहीं उठता
सवाल : क्या प्रेगनेंसी के दौरान हल्की ब्लीडिंग होना पीरियड्स का संकेत है?
ऐसा नहीं है, यह योनि के अंदर किसी आंतरिक चोट के कारण हो सकता है क्योंकि प्रेगनेंसी होने पर महिलाओं को पीरियड अपने आप बंद हो जाते हैं
सवाल : प्रेगनेंसी के बाद अधिकतम कितना समय वापस से पीरियड आने में लग सकता है?
प्रेगनेंसी के बाद अधिकतम 7 से लगाकर 8 महीनों के बाद वापस से पीरियड्स की प्रक्रिया महिला के शरीर में शुरू हो जाती है
सवाल : प्रेगनेंसी के बाद पीरियड्स देर से आने का सबसे बड़ा कारण क्या होता है?
प्रेगनेंसी के बाद पीरियड्स देर से आने का सबसे बड़ा कारण स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग होती है
सवाल : क्या सर्जिकल डिलीवरी होने के कारण भी पीरियड्स देर से आते हैं?
यह संभावना बनती भी है और इसके बाद पीरियड्स होने पर भारी रक्त प्रवाह एवं योनि में दर्द भी बना रहता है
सवाल : क्या जो महिलाएं अपने बच्चों को ज्यादा स्तनपान कराती हैं उनको प्रेगनेंसी के बाद बहुत समय बाद पीरियड्स वापस शुरू होते हैं?
यह सत्य है क्योंकि इसका संबंध किसी महिला शरीर के अंदर हारमोनियल डिसआर्डर से होता है
Conclusion
आज के लेख में हम ने प्रेगनेंसी के कितने दिन बाद पीरियड आता है इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश की जिसका जवाब है प्रेग्नेंट होने के बाद महिलाओं को पीरियड्स नहीं होते हैं
क्यों की गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में विभिन्न बारिशिल्लकों की स्तर में परिवर्तन होता है जो पीरियड्स को रोकते हैं।
प्रेग्नेंट होने के बाद, 50 से 60 दिनों के लिए पीरियड्स बंद हो जाते हैं और गर्भावस्था के दौरान आपको पीरियड्स की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि आपके शरीर में गर्भावस्था के लक्षण होते रहते हैं।
हालांकि, हर महिला की गर्भावस्था अलग होती है और यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य, उम्र, और अन्य चिकित्सा शर्तों पर भी निर्भर करता है।
इसलिए, सबसे बेहतर है कि आप एक प्रशिक्षित चिकित्सक से सलाह लें और अपनी व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर सही जानकारी प्राप्त करें